The death toll from the "Camp Fire" in Northern California has increased to 71 while authorities try to locate 1,011 people who are unaccounted for. The blaze is now 55 percent contained after consuming more than 148,000 acres.
In Southern California, just outside of Los Angeles, the Woolsey Fire is 82 percent contained after burning 98,362 acres. Dense smoke from the fires has smothering parts of the state with what has been described as "the dirtiest air in the world."
Firefighters have been racing against time, with a red flag warning issued for Saturday night into Sunday, including winds up to 50 mph and low humidity. Rain was forecast for mid-week, which could help firefighters but also complicate the challenging search for remains.
"It's a disheartening situation," Butte County Sheriff Kory Honea said. "As much as I wish we could get through this before the rains come, I don't know if that's possible."
सानफ्रांसिस्को की हवा में अब सांस लेने का मतलब है आप एक दिन में दस सिगरेट पी रहे हैं। बाहर आना मानक मास्क के साथ भी निरापद नहीं माना जा रहा है।लोग पंक्तियों में खड़े हुए हैं मास्क प्राप्त करने के लिए। जरूरत के मुताबिक़ मुखौटे उपलब्ध नहीं हैं। माहिरों की माने तो इनसे पूरी हिफाज़त नहीं हो सकती अलबत्ता कुछ भी नहीं से कुछ बेहतर है।
खासकर नौनिहालों के लिए जिनका श्वसनी तंत्र अभी विकाशमान ही है और जिन्हें प्रति-पोंड वेट के हिसाब से ज्यादा ऑक्सीजन खपत करनी पड़ती है यह स्थिति और भी मारक साबित हो रही है।यही हाल बुजुर्गों का है।
देखिये बारहा लगती दावानल ने अमरीका के इस सबसे बड़े राज्य का क्या हाल कर दिया है :
अमरीका के सबसे बड़े राज्य केलिफ़ोर्निआ को जिसकी आबादी कनाडा से ज्यादा है बारहा लगती वन -आरण्य की आग (दावानल )ने विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित नगरों वाला राज्य भी बना दिया है। कुदरत जो न करादे सो कम।सारे वैभव सम्पदा और डॉलर के ग्लोबी प्रभुत्व के बावजूद राज्य के विश्वविद्यालय के सभी क्षेत्रों को न तो मानकों पर खरे उतरने वाले गंधाती हवा से बचावी मुखोटे मिल पा रहे हैं न मानक रेस्पीरेटर्स।
फिर भी इस अभूतपूर्व आग का मुकाबला राज्य ने पूरी जी -जान लगन साहस और जीवट के साथ तत्परता से किया है।यहां हम कहना यह चाहते हैं कुदरत पर फतह हासिल करने की तमाम कोशिशें आइंदा भी नाकारा सिद्ध होंगी। जलवायु परिवर्तन की बड़ी से बड़ी आहट मिल रही है हम फिर भी अपनी ऊर्जा उपभोगता को कम करने को राजी नहीं हैं।
हवा में तैरते मुख और नासिका के ज़रिये फेफड़ों में दाखिल होने वाले महीनतर ठोसीय प्रदूषक इन दिनों सानफ्रांसिस्को ,साक्रामेंटो (केलिफोर्निया राज्य की राजधानी ),स्टॉकटन आदिक नगरों को दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित जगह बनाये हुए हैं।
हवा में पसरी हुई नमी ,ठोसीय प्रदूषकों की दुरभिसंधि भारत की राजधानी दिल्ली और ऐसे ही चीनी महानगरों के स्मोग हॉट स्पॉट्स को अभी तक दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित नगरों के शिखर पर बैठाये हुए थी। अब यह स्थान केलिफोर्निया राज्य के उल्लेखित नगर लेते नज़र आये हैं।
आज परबत शिखरों से लेकर ,तंग घाटियों तक और केलिफोर्निया राज्य का तटीय क्षेत्र दावानल के चलते सूक्ष्म ठोसीय प्रदूषकों ,धुंआ -धंकॉड़ के लपेटे में बुरी तरह है भले यहां वहां इमारतों में फ़िल्टर लगाए गए हैं। लेकिन अनेक स्कूल कालिज विश्व -विद्यालय हवा के बिगड़ैल मिज़ाज़ से सकते में हैं। कितने स्कूल मदरसे बंद होते दिखे हैं।
इस के खामियाजे लोगों को बरसों बरस तक भोगने पड़ेंगे ज्यादा मुसीबत उन नौनिहालों की है जिनका श्वसनी क्षेत्र, एयर वेज़ अभी विकासमान है जिनके फेफड़े प्रति किलोग्रेम वेट के हिसाब से अपेक्षाकृत ज्यादा ऑक्सीजन की खपत करते हैं। मुसीबत उम्रदराज़ लोगों की भी कम नहीं है।
नकसीर (ब्लडी नोज ),कफ के साथ खून उगलना (ब्लडी थ्रोट ).कफ ,ड्राई आई सिंड्रोम कितनों को चिड़चिड़ा बनाये हुए है इसका कोई निश्चय नहीं।
विश्विद्यालय परिसरों को इन बिल्ट -फिल्टर्स से सज्जित सुरक्षित करना एक बड़ा काम है इस दौर का।
कहना न होगा दुनिया भर में नंबर वन किलर बन रहा है PM2.5 सूक्ष्मतर कणीय प्रदूषक (आकार में २. ५ माइक्रोमीटर से भी छोटा जो सीधे नाक और मुख के रास्ते फेफड़ों में जगह बना लेता है फेफड़ों के प्रकार्य में अड़ंगा डालता है।दमा (अस्थमा )को ऐड़ लगाता है। स्ट्रोक (आघात ),ब्रेन अटेक और हार्ट अटेक के मामलों को बढ़ाता है।
सानफ्रांसिस्को जैसे नगरों में जहां वातानुकूलन की सुविधाएं आम नहीं है आदमी घर घुस्सू बना रहे इससे ९० फीसद बचाव हो सकेगा प्रदूषण की दावानल जन्य आपदा से। लेकिन आखिर कब तक घर घुस्सू बना रह सकता है कोई।
यहीं से अवसाद और अन्य मानसिक रुग्णताओं के खतरे का वजन बढ़ता है।
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